Saturday, June 23, 2012

रंग



आसमान का रंग  आज पिघल  कर गिरा है I 
कुछ रंग जमा कर ,
दर्पण  मे भर रहा हूँ मै I  
कुछ एक आधा रंग ,
इधर भी लगा रहा  हूँ मै  I 
कुछ अपना,
अपनो के  लिये छोड़  रहा हूँ मै I 

जो होता  रंग खुशी का तो ,
रंग देता सारी दुनिया को I 
अभी तो बेवजह ही ,
लोग  अपना रंग छुपाते हैं I 
उनको रंग  नही दे सकता  ,
पर  दर्पण  दिखा रहा हूँ मै I 
कुछ अपना,
अपनो के लिये छोड़  रहा हूँ मै I 

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